केरल पुलिस ने हाईकोर्ट के सीनियर वकील पीजी मनु के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया है और ये नोटिस एक महिला से कई बार दुष्कर्म करने के आरोप में जारी हुआ है. दरअसल, हाईकोर्ट के सीनियर वकील पीजी मनु पर आरोप है कि उन्होंने रेप विक्टिम से ही रेप किया और इस घटना को अंजाम देने के बाद वो फरार हो गए. वहीं अब हाईकोर्ट ने मनु को सरेंडर करने के लिए 10 दिन की मोहलत दी थी.
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जानिए क्या है मामला
मामला अक्टूबर 2023 का है. जब 25 साल की एक रेप विक्टिम 2018 में हुई घटना के सिलसिले में कानूनी सलाह लेने के लिए मनु के पास गई थी. इसके बाद मनु ने महिला का तीन बार रेप किया और अश्लील तस्वीरें भी खींची. वहीं इसके बाद महिला ने इस मामले की शिकायत की.
शिकायतकर्ता महिला के अनुसार, आरोपी ने पहली बार उसका रेप 9 अक्टूबर को किया. ये घटना तब हुई जब वो अपने माता-पिता के साथ उसके कदवंथरा ऑफिस गई थी. महिला के माता-पिता को बाहर इंतजार करने के लिए कहा और पीड़िता के साथ मामले पर चर्चा करने के बहाने वकील मनु ने दरवाजा बंद कर दिया और कमरे के अंदर उसका रेप किया.
वहीं महिला ने वकील की इस हरकत का विरोध किया तब उसने 2018 के मामले को पलट देने और उसे ही आरोपी बनाने की धमकी दी. वकील ने महिला को 11 अक्टूबर को दोबारा बुलाया और फिर से बलात्कार किया. वहीं महिला ने ये भी शिकायत की वकील वॉट्सऐप कॉल और चैट के जरिए अश्लील बातें करता था. 24 नवंबर को पीड़ित के घर पर जब कोई नहीं था तो वकील उसके घर में जबरन घुस गया उसके साथ तीसरी बार रेप किया साथ ही महिला की अश्लील तस्वीरें भी खींची थीं.
वकील के खिलाफ लुकआउट नोटिस हुआ जारी
वहीं इसके बाद महिला ने पुलिस में इस मामले की शिकायत की और पुलिस ने IPC की धारा 376 के तहत यौन उत्पीड़न के अलावा IT एक्ट के तहत भी मामला दर्ज कर लिया और अब पुलिस ने इस मामले को लेकर जानकारी दी कि आरोपी ने अपराध को अपने कार्यालय और महिला के आवास पर अंजाम दिया था. वहीं महिला की शिकायत पर केरल उच्च न्यायालय द्वारा वकील को आत्मसमर्पण करने के लिए 12 जनवरी की तारीख तय की गयी लेकिन ये समय गुजर जाने के बाद 14 जनवरी को आरोपी वकील पी.जी.मनु के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया.
अधिकारी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने तीन जनवरी को आदेश दिया था कि आरोपी वकील 10 दिनों के भीतर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें. उन्होंने बताया कि पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की मियाद दो बार बढ़ाई गई थी.
शिकायत दर्ज होने के बाद वकील ने दिया था इस्तीफा
पुलिस उपाधीक्षक ने कहा, ‘‘ उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया, उनकी स्थिति भगोड़े की है और इसलिए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है.” आरोपी वकील के खिलाफ पिछले साल 29 नवंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 354 (महिला की गरिमा को भंग करना) और 506 (धमकी देने) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद वकील ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.