लक्ष्य तंवर और उसके दो साथियों को गाजियाबाद पुलिस ने धर दबोचा
देश में वैसे तो अनगिनत फ्रॉड होते हैं, पर बैंकों के साथ मिलकर फ्रॉड बस कुछ बड़े लोग ही कर पाते हैं। ऐसे ही अब बड़े लोगों में शुमार हो गए ग़ाज़ियाबाद के माफिया लक्ष्य तंवर। बैंक अधिकारयों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी पर गलत ढंग से करोड़ों रुपए का लोन लेने वाले माफिया लक्ष्य तंवर और उसके दो साथियों को गाजियाबाद पुलिस ने धर दबोचा। माफिया लक्ष्य तंवर समेत तीनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उनको जेल भेज दिया गया। पुलिस ने यह दवा किया है की पिछले 9 सालों में लक्ष्य तंवर अपने साथियों के साथ मिलकर बैंकों से करीब 100 करोड़ रुपए का लोन लेकर उन्हें नुकसान पहुंचा चुका है।
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लक्ष्य तंवर, उसके साथी और बैंक अधिकारीयों के खिलाफ दर्ज है मामला
लक्ष्य तंवर और उसके सहयोगियों पर 400 करोड़ रुपये के ऋण घोटाले के मामला दर्ज है। कोतवाली पुलिस और SIT की टीम ने सोमवार को ऋण माफिया लक्ष्य तंवर के सहयोगी निरंजन को भी गिरफ्तार कर लिया है। निरंजन, लक्ष्य तंवर के लोहिया नगर स्थित कार्यालय पर एक चपरासी के रूप में रहता था और फर्जी रजिस्ट्री व ऋण कराने के दौरान वह गवाही देता था। निपुण अग्रवाल एसपी सिटी ने बताया कि निरंजन, कोतवाली क्षेत्र के कल्लूपुरा में किराये के मकान में रह रहा था। निरंजन मूलरूप से बिहार के बाका बिसनपुर साहबगंज का निवासी है।नगर कोतवाली में लक्ष्य तंवर और उसके साथी तथा बैंक अधिकारी समेत 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
जाने ये गिरोह, लोगों को कैसे लगाता था चुना
पुलिस के रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर, उसके रिश्तेदारों और कुछ बैंक अफसरों-कर्मचारियों का एक गिरोह है। ये समूह पहले लोगों से कहता है कि हम प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त (Property deal) करते हैं। बाद में ये गिरोह लोगों से कहता था कि हम टैक्स के कारण अपने नाम पर ज्यादा प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते, इसलिए कुछ प्रॉपर्टी आपके नाम करा देते हैं। उनकी ऐसी बाते सुनकर लोग प्रॉपर्टी के मालिक बनने को तैयार हो जाते थे, जिसके बाद यह गिरोह उन्हें प्रॉपर्टी का मालिक बनवा देते हैं। फिर लक्ष्य तंवर और उसका गिरोह उसी प्रॉपर्टी पर कई गुना ज्यादा लोन लेकर बैंकों व पीड़ितों को चूना लगा देते थे। लोन की करोड़ों रुपए की रकम बैंक अफसर से लेकर दलाल तक आपस में बांट लेते थे।
गाजियाबाद CBI, EOW में चल रहे 22 मुकदमें
अमित कुमार कोतवाली सिटी के इंस्पेक्टर ने बताया कि मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर, रिश्तेदार शिवम व उसके पिता सुनील कुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। लक्ष्य तंवर ने अपने गुनाह को कुबूला है कि वह बैंकों की मिलीभगत से मॉर्गेज प्रॉपर्टी से कई गुना ज्यादा लोन प्राप्त करता था। इस तरह वह जालसाजी कर 2013 से अब तक करीब 100 करोड़ रुपए का चूना बैंकों को लगा चुका है। लक्ष्य तंवर व उसके गैंग सदस्यों पर इस तरह के 22 मुकदमे दर्ज हैं। इस गैंग की घोटाले की कहानी सिर्फ ग़ाज़ियाबाद से ही जुडी हुई नहीं है, बल्कि इनसे जुड़े घोटाले की कुछ FIR, CBI देहरादून, और EOW मेरठ में भी दर्ज है। दोनों जांच एजेंसियां पुलिस से अलग जांच कर रही हैं।