Kottayam nursing college ragging case: केरल के कोट्टायम जिले में एक नर्सिंग कॉलेज से रैगिंग की एक भयावह घटना सामने आई है। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। कॉलेज के सीनियर छात्रों ने अपने जूनियर साथियों के साथ ऐसी अमानवीय हरकत की, जिसकी कल्पना भी मुश्किल है। रैगिंग के दौरान सीनियर्स ने जूनियर्स को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गए। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
कैसे हुआ बर्बर रैगिंग कांड? (Kottayam nursing college ragging case)
यह घटना गांधीनगर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित एक नर्सिंग कॉलेज की है। तीन जूनियर छात्रों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके सीनियर छात्रों ने उनके कपड़े उतरवा दिए और उनके प्राइवेट पार्ट पर भारी डंबल बांध दिए। इस भयानक यातना के कारण पीड़ित छात्र असहनीय दर्द से तड़प उठे। लेकिन, सीनियर्स को इनकी कोई परवाह नहीं थी। उन्होंने उन पर कंपास और नुकीली चीजों से हमला किया, जिससे उनके शरीर पर कई गहरे घाव हो गए। जब पीड़ित छात्र दर्द से चीखने लगे, तो सीनियरों ने उनके जख्मों पर जबरदस्ती लोशन लगा दिया। किसी तरह वहां से भागने के बाद, पीड़ित छात्रों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने तीन आरोपी गिरफ्तार किए, अन्य की तलाश जारी
घटना की सूचना मिलने के बाद गांधीनगर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और तीन आरोपी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा। इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने पांच आरोपियों को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दिए।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया
कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ. लिनी जोसेफ ने बताया कि शुरुआत में छात्रों ने इस घटना के बारे में कुछ नहीं बताया। लेकिन, जब एक पीड़ित छात्र के माता-पिता ने क्लास टीचर को फोन करके जानकारी दी, तब प्रशासन को इस रैगिंग के बारे में पता चला। मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज ने तुरंत आंतरिक जांच शुरू की।
प्राचार्य ने कहा कि एंटी-रैगिंग एक्ट के तहत आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी।
केरल में पहले भी हुए हैं रैगिंग के खौफनाक मामले
केरल में यह पहला मामला नहीं है जब रैगिंग के कारण किसी छात्र को प्रताड़ित किया गया हो। इससे पहले भी कई मामलों में रैगिंग के कारण छात्रों की जान जा चुकी है या वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
एर्णाकुलम का मामला
पिछले साल केरल के एर्णाकुलम में 15 वर्षीय छात्र की आत्महत्या ने पूरे राज्य को हिला दिया था। मृतक की मां रंजना पीएम ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया था कि उनके बेटे को स्कूल में खतरनाक रैगिंग और धमकियों का सामना करना पड़ा, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गया और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुआ।
कन्नूर में भी हुई थी रैगिंग की वारदात
2022 में कन्नूर जिले में एक छात्र को सिर्फ इसलिए पीटा गया, क्योंकि उसने अपने बाल लंबे कर रखे थे। 12वीं के सीनियर छात्रों ने इस बात को लेकर उसे बुरी तरह मारा और उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
केरल यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत
2024 में केरल यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज में जेएस सिद्धार्थ नाम के छात्र की लाश बाथरूम में मिली थी। पुलिस जांच में पता चला कि कुछ सीनियर छात्रों ने उसे हॉस्टल में पीटा था और उस पर एक लड़की से दुर्व्यवहार करने का झूठा आरोप लगाया था। इस मानसिक प्रताड़ना के कारण सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली।