पिछले साल सितंबर में एक ऐसी खबर सामने आई थी जिसने गैंगस्टर वर्ल्ड में सनसनी मचा दी थी। खबर ये थी कि पंजाब के मोस्ट वांटेड अपराधी सुखदुल सिंह की कनाडा में सरेआम हत्या कर दी गई है। हमलावरों ने उस पर एक के बाद एक 15 गोलियां चलाईं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये वही सुखदुल सिंह है जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA की मोस्ट वांटेड गैंगस्टर्स की लिस्ट में शामिल था। सुखदुल सिंह उर्फ सुखा खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह का करीबी था। वो कनाडा में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता था। लेकिन अब सोचने वाली बात है कि आखिर इतने बड़े गैंगस्टार की हत्या किसने की और किसके इशारे पर ये साजिश रची गई। हालांकि पुलिस कुछ सोच पाती उससे पहले ही एक गिरोह ने फेसबुक के जरिए पोस्ट करके इस हत्या की जिम्मेदारी ले ली। और ये गिरोह था लॉरेंस बिश्नोई गैंग। जी हां, ये वही गिरोह है जो बॉलीवुड एक्टर सलमान खान का दुश्मन बना घूमता है। यहां तक कि राजस्थान के जयपुर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर एक हाई-प्रोफाइल मर्डर हुआ। ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन सब के पीछे एक ही नाम था, जो की था लॉरेंस बिश्नोई। और तो और साल 2022 में पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी लॉरेंस की भूमिका सामने आई थी। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि यह लॉरेंस कौन है? आइए आपको बताते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है और उसने अपना गिरोह कैसे बना।
कौन है लॉरेंस बिश्नोई?
12 फरवरी 1993 को जन्मे लॉरेंस बिश्नोई ग्रेजुएट हैं और पंजाब के फिरोजपुर का रहने वाला है। लॉरेंस के पिता 1992 में हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। लेकिन पांच साल बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और खेती करने लगे। लॉरेंस ने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है। 2009 में पढ़ाई के दौरान वो पंजाब यूनिवर्सिटी के एक छात्र संगठन से जुड़ गया। उसी दौरान उसकी मुलाकात छात्र संगठन के अध्यक्ष गोल्डी बराड़ से हुई।
छात्र राजनीति से अपराध की दुनिया में रखा कदम
गोल्डी से मुलाकात और यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में आने के बाद बिश्नोई ने अपराध की दुनिया की ओर रुख किया। वह अवैध गतिविधियों में शामिल होने लगा। लॉरेंस बिश्नोई ने कॉलेज के दिनों में खिलाड़ियों और पुलिस के बच्चों के साथ मिलकर गैंग बनाया। एक समय में वह छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का पोस्टर ब्वॉय था। हालांकि, वह कॉलेज का चुनाव हार गया। इस हार ने बिश्नोई की जिंदगी में अहम मोड़ ला दिया। वह बचपन से ही हार को स्वीकार नहीं कर पाता था। विरोधी की जीत का जश्न अपने चरम पर होता था। वह खुद को अपमानित महसूस करता था। एक पुलिसकर्मी ने खुलासा किया, हारने के बाद उसका पहला कदम रिवॉल्वर खरीदना था। फरवरी 2011 में हाथापाई के दौरान बिश्नोई ने अपनी पिस्तौल निकाली और फायरिंग कर दी।
19 साल की उम्र में ही गैंगस्टरों संग जुड़ गया
इस घटना के बाद बिश्नोई के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की गई। उस समय 19 वर्षीय बिश्नोई ने गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल्का से मदद मांगी थी। युवा लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और उनका साथ घातक साबित हुआ। बिश्नोई और फाजिल्का गुरदासपुर के रहने वाले भगवानपुरिया को गुरु मानता था। उसने न केवल उसे धंधे की तकनीक सिखाई, बल्कि उसे अपने कामों में पूरी आजादी भी दी। बिश्नोई जल्द ही पंजाब के आपराधिक अंडरवर्ल्ड में प्रमुखता से उभरा।
लॉरेंस बिश्नोई का नाम 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर तब चर्चा में आया था, जब उसके करीबी सहयोगी संपत नेहरा को गिरफ्तार किया गया था। जून 2018 में बेंगलुरु से गिरफ्तार किए गए नेहरा ने खुलासा किया था कि लॉरेंस ने उसे काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड स्टार सलमान खान को खत्म करने का काम सौंपा था। लॉरेंस बिश्नोई समुदाय से ताल्लुक रखता है। बिश्नोई समुदाय पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई इलाकों में बसा हुआ है। बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है।
कैसा है बिश्नोई का गिरोह
अब बिश्नोई के गिरोह की बात करें तो इस गिरोह में पेशेवर शूटर शामिल हैं। ये पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से ऑपरेट करते हैं और इनका नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला हुआ है। इनके साथी संदीप उर्फ काला जठेड़ी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) मामले में गिरफ्तार किया था और उस पर 5 लाख का इनाम था, जो इस समय जेल में है। बताया जाता है कि इसके गिरोह में 700 से ज्यादा शूटर हैं।
लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल तिहाड़ जेल में है। लेकिन सलाखों के पीछे होने के बावजूद लॉरेंस बिश्नोई का पंजाब में खासा दबदबा है। विभिन्न एजेंसियों ने उस पर एक बड़ा आपराधिक नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया है। राजनेताओं और अमीर लोगों से उसके करीबी संबंध हैं। जेल में रहते हुए भी वह कनाडा और दूसरी जगहों पर बैठे पंजाब के दूसरे गैंगस्टर्स के संपर्क में रहता है। एक तरह से लॉरेंस ने स्थानीय गैंगस्टर्स के साथ मिलकर एक वैश्विक आपराधिक नेटवर्क तैयार कर लिया है।
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