Varanasi Murder: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक शख्स ने अपने अवैध शराब के कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने ही परिवार को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना में तांत्रिक का एंगल सामने आ रहा है। दरअसल, वाराणसी के भदैनी इलाके के कारोबारी राजेंद्र गुप्ता (Varanasi Rajendra Gupta Family Murder) के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। इसके बावजूद राजेंद्र कारोबार बढ़ाने के लालच में इतना अंधा हो गया कि उसने अपनी पत्नी और बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। यहां सवाल यह उठ रहा है कि अगर राजेंद्र ने सबकुछ तांत्रिक के कहने पर किया तो उसकी लाश भी पुलिस को मिली, ऐसे में तांत्रिक का एंगल अभी अफवाह के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
28 साल पहले छोटे भाई की हुई थी हत्या-Varanasi Rajendra Gupta Family Murder
मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले भदैनी में राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू और उनके तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र के पड़ोसियों के अनुसार, 1996 में जमीन जायदाद के लालच में उसने अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या के लिए हत्यारे किराए पर लिए थे। राजेंद्र पर 1997 में अपने पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी इस मुकदमे में वादी थीं। नतीजतन, अपनी मां का समर्थन पाकर वह जेल से रिहा हो गया। दूसरी ओर, मंजू और कृष्णा की हत्या का मामला भी ठंडे बस्ते में चल गया।
कारोबार विवाद के चलते पिता और भाई को मारा
दरअसल, 28 साल पहले उनकी पत्नी ने इस कारोबार (Liquor business) का विरोध किया था। उस समय एक तीखी बहस के बाद उनकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया था। राजेंद्र गुप्ता के भाई और पिता भी इसके खिलाफ थे। ऐसे में राजेंद्र ने उनकी हत्या कर दी। उनके भाई की पत्नी और उनके पिता के गनमैन दोनों की हत्या कर दी गई, क्योंकि वे उन्हें बचाने के लिए आगे आए थे। इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया लेकिन बाद में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
1999 में जेल से बाहर आने के बाद उसने भदैनी के ब्राह्मण परिवार की अपनी किरायेदार नीतू से प्रेम विवाह कर लिया। नीतू से प्रेम विवाह के बाद उसके परिवार ने उससे सारे संबंध तोड़ लिए।
तंत्रिक की सलाह पर ली जान
DNA की रिपोर्ट में बताया गया है कि राजेंद्र का कारोबार अच्छा चल रहा था। इसके अलावा बनारस शहर में ही उसके चार मकान थे। इनमें से एक मकान में उसका परिवार रहता था, जबकि बाकी तीन मकान किराए पर दिए हुए थे। उसे हर महीने पांच लाख रुपए से ज्यादा किराया मिलता था। लेकिन, पिछले एक साल से उसका अवैध शराब का धंधा ठप हो गया है। इसकी वजह से राजेंद्र को एक साल अपने परिवार से दूर रहना पड़ा। इसके लिए उसने कई तरीके और टोटके भी अपनाए।
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक तांत्रिक ने कहा कि उसकी पत्नी ही उसके कारोबार में दिक्कतें पैदा कर रही है। तांत्रिक की सलाह पर शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता दिवाली पर घर लौटे और पत्नी और बच्चों के साथ दिवाली मनाई। इसके बाद मंगलवार सुबह राजेंद्र गुप्ता ने मौका देखकर पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी और फिर ग्लानि में खुद को भी गोली मार ली (Varanasi Rajendra Gupta murder)।
हालांकि राजेंद्र के पड़ोस में रहने वाले समाजवादी पार्टी महानगर के महासचिव योगेंद्र यादव के अनुसार राजेंद्र और उनकी पत्नी और बच्चों की हत्या की गई है। उनका कहना है कि पुलिस को घटना का उचित खुलासा करना चाहिए।