डॉक्टर को भगवान का दूसरा रुप माना जाता है, क्योंकि लोगों की जिंदगी बचाने में इनका सबसे अहम योगदान रहता है। लेकिन डॉक्टर के पेशे में रहकर भी कुछ लोग इंसानियत को दागदार करने वाले काम कर जाते हैं। जिसके बाद से डॉक्टरों के प्रति लोगों में डर का माहौल भी पैदा हो जाता है। इसी बीच एक दरिंदे डॉक्टर की ऐसी खबर सामने आई है जिसे जान कर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। पिछले दिनों इस डॉक्टर ने कबूल किया था कि 50 लोगों की बेरहमी से जान लेने के बाद वह मडर्स की गिनती भूल गया था, लेकिन अब उसने कबूल किया है कि वह 100 से ज्यादा लोगों का मर्डर कर चुका है और उनमें से ज्यादातर लोगों को एक नहर में मौजूद मगरमच्छ का खाना बना दिया।
पेरोल पर निकल कर अंडग्राउंड हो गया था डॉक्टर
डॉक्टर जैसे बेहतर पेशे में रहकर लोगों की बेरहमी से जान लेने वाले हैवान देवेंद्र शर्मा को लेकर यह चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। इस डॉक्टर को बीते दिनों दिल्ली में पकड़ा गया है। वह किडनी केस में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और अब पेरोल पर बाहर आया था। खबरों के मुताबिक 20 दिनों के बाद उसे वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया था। जिसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया और अब उसके कारनामों की पोल खुल रही है।
7 लाख प्रति किडनी ट्रांसप्लांट
देवेंद्र शर्मा को बीते बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। साल 1984 में देवेंद्र शर्मा ने आर्युवेदिक मेडिसिन में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके राजस्थान में क्लीनिक खोला। फिर 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का निवेश किया। लेकिन वह कंपनी अचानक गायब हो गई। फिर नुकसान के बाद उसने 1995 में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली।
खबरों के मुताबिक फर्जी गैस एजेंसी को चलाने के लिए उसने एक गिरोह बनाया। जो गैस सिलिंडर ले जाते ट्रको कों लूट लेते, ट्रक को ठिकाने लगा देते और ट्रक डाईवर को मार देते। इस गैंग के साथ मिलकर डॉ शर्मा ने कुल 24 मर्डर किए। इसके बाद वह किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह में शामिल हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उसने 7 लाख प्रति ट्रांसप्लांट के हिसाब से 125 ट्रांसप्लांट करवाए।
साल 2004 में गया था जेल
डॉ देवेंद्र शर्मा चोरी के गाड़ियों का कारोबार भी करता था। बताया जा रहा है कि ये लोग जिस भी गाड़ी को बुक करते उसे लूट लेते। गाड़ी के ड्राइवर की बेरहमी से हत्या कर शव को यूपी के कासगंज के हजारा नहर में फेंक दिया जाता। जिसमें काफी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं। साल 2004 में वह पहली बार पुलिस के चंगुल में पकड़ा गया और लगभग 16 साल तक जेल में रहा। जेल में 16 साल बीताने के बाद उसके अच्छे स्वभाव के कारण साल 2020 में उसे 20 दिन की पेरोल मिली। लेकिन पेरोल पर निकलते ही वह अंडरग्राउंड हो गया। खबरों के मुताबिक वह दिल्ली के मोहन गार्डन में छिपा था, जहां से पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।