Kenya News: पश्चिमी केन्या के एक छोटे से गांव में रहने वाले 22 वर्षीय आमोन किप्रुटो मेली ने एक दिन एक दोस्त की सलाह पर किडनी बेचने का फैसला लिया। यह कदम उनके लिए एक डरावनी कहानी बन गया, जो न केवल उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा गया, बल्कि उनकी जिंदगी को भी हमेशा के लिए बदल दिया। आमोन के साथ हुई इस दर्दनाक घटना ने किडनी तस्करी की भयावह सच्चाई को उजागर किया है, जिसमें गरीब और बेरोजगार युवाओं को शिकार बनाया जाता है।
आसान पैसे का लालच- Kenya News
आमोन किप्रुटो मेली को कुछ आसान पैसे कमाने का मौका मिलने की बात कही गई थी। उनके दोस्त ने उन्हें बताया कि वह आसानी से अपनी किडनी बेचकर 6,000 अमेरिकी डॉलर कमा सकते हैं। आमोन के पास स्थिर आय के कोई साधन नहीं थे, और वह बार-बार नौकरियां बदल रहे थे। इस आसान रास्ते का लालच उन्हें इस दलदल में धकेल लाया। उन्हें बताया गया था कि कई लोग पहले भी अंगदान कर चुके हैं और वे बिल्कुल स्वस्थ हैं। उन्हें इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन उन्हें यह भरोसा दिलाया गया कि कोई खतरनाक बात नहीं होगी।
सर्जरी और कम रकम की सजा
DW की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आमोन ने एल्डरेट के एक अस्पताल में अपनी किडनी बेच दी। सर्जरी के बाद उन्हें केवल 4,000 डॉलर दिए गए, जो पहले वादा किए गए 6,000 डॉलर से काफी कम था। इस राशि के मिलने के बाद भी आमोन को कोई ठोस लाभ नहीं हुआ। कुछ समय बाद, उन्हें बीमार महसूस होने लगा और वह गश खाकर गिर पड़े। उनकी मां ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उनके बेटे की एक किडनी गायब है।
पुलिस में शिकायत और जांच का सामना
आमोन की मां को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस घटना ने न केवल आमोन की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि यह पूरे इलाके में किडनी तस्करी के खतरनाक मामलों की ओर भी इशारा करता है। आमोन अकेले ऐसे युवा नहीं हैं जो इस तरह के धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। इसके बाद केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय ने किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले अस्पतालों की जांच शुरू की।
मेड लीड और अंग तस्करी का कारोबार
इसके अलावा, एक कंपनी “मेड लीड” का नाम भी सामने आया है, जो किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पैसे लेकर किडनी बेचने के लिए लोगों को आकर्षित करती है। जर्मनी जैसे देशों में अंगों की मांग अधिक है, और मेड लीड इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल है। हालांकि, कंपनी दावा करती है कि वे पूरी पारदर्शिता के साथ काम करते हैं और गैरकानूनी गतिविधियों से दूर रहते हैं, फिर भी किडनी तस्करी के आरोप उन पर लगातार लग रहे हैं।
कानूनी खामियां और कमजोरियां
कानूनी तौर पर, केन्या में किडनी बेचने को रोकने के लिए कोई सख्त कानून नहीं है, और तस्कर इसका फायदा उठाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में जांच और कार्रवाई की गई है, लेकिन यह बहुत कम है और कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। गरीब और मजबूर लोग इस दलदल में फंस जाते हैं, क्योंकि उन्हें पैसे की सख्त जरूरत होती है और कोई भी कानून उन्हें अपनी किडनी बेचने से नहीं रोकता।
आमोन का पछतावा और भविष्य की अनिश्चितता
आज आमोन को महसूस होता है जैसे उसे ठगा गया हो। वह शारीरिक श्रम वाली कोई नौकरी नहीं कर सकते हैं, और उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो चुका है। वह अब कहता है, “अगर मैं अतीत को बदल सकता, तो मैं कभी भी अपनी किडनी नहीं बेचता। वे मुझे कितना भी लालच देते, मैं कभी राजी नहीं होता। अब मैं लाचार महसूस करता हूं।” आमोन का यह बयान इस दर्दनाक सच्चाई को सामने लाता है कि पैसे के लालच में खुद के शरीर को बेचने का निर्णय जीवन भर का पछतावा बन सकता है।
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