Kasganj Chandan Gupta murder case: उत्तर प्रदेश के कासगंज में 2018 में हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड पर आज एनआईए स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में 28 आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया। अब कोर्ट कल यानी 3 जनवरी 2025 को दोषियों को सजा सुनाएगी।
26 जनवरी 2018: तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी हत्या- Kasganj Chandan Gupta murder case
26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। पुलिस ने हत्या के आरोप में तीन सगे भाई सलीम, वसीम, और नसीम समेत 20 लोगों को नामजद किया था। इस केस में एनआईए कोर्ट ने आज 28 लोगों को दोषी करार दिया।
दोषी पाए गए 28 आरोपी
एनआईए कोर्ट ने जिन 28 आरोपियों को दोषी ठहराया है, उनके नाम हैं आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, असीम कुरैशी, शबाब, साकिब, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद उर्फ जग्गा।
इन पर आईपीसी की धारा 147, 148, 307/149, 302/149, 341, 336, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
दो आरोपी बरी, एक की सुनवाई में हुई मौत
नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया। वहीं, आरोपी अजीजुद्दीन की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिसके चलते उसके खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल की गई।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशद्रोह की धारा 124A को निलंबित कर दिए जाने के कारण इस धारा के तहत कोई सुनवाई नहीं हुई।
8 साल लंबी कानूनी लड़ाई
चंदन गुप्ता की हत्या के बाद प्रदेश में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। कासगंज में हिंसा की घटनाएं सामने आईं और पुलिस ने तीन सगे भाइयों समेत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, समय के साथ कई आरोपियों को जमानत मिल गई। चंदन के पिता ने पिछले 8 सालों में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और न्याय के लिए संघर्ष किया।
चंदन गुप्ता के नाम पर चौक का ऐलान
घटना के बाद राज्य सरकार ने कासगंज में चंदन गुप्ता के नाम पर एक चौक बनाने की घोषणा की थी। यह फैसला उनके परिवार और समाज के प्रति सरकार की सहानुभूति को दर्शाता है।
कल होगा सजा का ऐलान
एनआईए कोर्ट कल दोषी पाए गए 28 आरोपियों की सजा का ऐलान करेगी। दोषियों को फांसी से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकती है। यह फैसला कासगंज हिंसा के पीड़ित परिवार के लिए न्याय की उम्मीद लेकर आया है।
चंदन गुप्ता हत्याकांड ने कासगंज को सांप्रदायिक तनाव की आग में झोंक दिया था। आज का फैसला चंदन के परिवार और न्याय व्यवस्था के प्रति लोगों की आस्था को मजबूत करता है। 8 साल के लंबे संघर्ष के बाद आया यह निर्णय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।