ऑनलाइन सट्टेबाजी की आदत ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एक और घर बर्बाद कर दिया। दरअसल, रंजीता नाम की 24 वर्षीय महिला ने अपने पति की क्रिकेट सट्टेबाजी की लत से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक, रंजीता के पति दर्शन बाबू पेशे से इंजीनियर था और ऑनलाइन सट्टेबाजी के कारण उस पर करोड़ों रुपये का कर्ज हो गया था।
और पढ़ें: जानिए क्या है वॉयस क्लोनिंग, जिसके जरिए आज कल लोगों से हो रही है जमकर ठगी
सट्टेबाजी में हारे 1.5 करोड़
पुलिस को 19 मार्च को रंजीता का शव घर की छत से लटका हुआ मिला। रंजीता के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें साहूकारों द्वारा परेशान करने का हवाला दिया गया है। मृतक महिला के पिता ने खुलासा किया कि उनका दामाद सट्टेबाजी में 1.5 करोड़ रुपये हार गया था, जिसमें से 54 लाख रुपये अभी भी बकाया हैं। संदिग्धों ने दर्शन को यह विश्वास दिलाने के लिए गुमराह किया कि क्रिकेट सट्टेबाजी धन कमाने का एक शॉर्टकट है। जिसके बाद दर्शन ने सट्टेबाजी में पैसे लगाने शुरू कर दिये।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि साल 2020 में उनकी बेटी रंजिता ने दर्शन से शादी की थी। करीब एक साल बाद उसकी बेटी को पता चला कि उसका पति दर्शन क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल है। जिसके बाद दर्शन हर दिन सट्टेबाजी में पैसा लगाने लगा और देखते ही देखते उस पर करोड़ों का कर्ज बढ़ गया। इसके बाद कर्जदाताओं ने कथित तौर पर बकाया नहीं चुकाने पर परिवार को बदनाम करने की धमकी दी। इस बात से रंजीता मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगी थी। जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
वहीं, रंजिता के पिता वेंकटेश एम ने 13 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने कथित तौर पर दर्शन को पैसे उधार दिए थे। अपनी शिकायत में वेंकटेश ने कहा कि, ‘मेरा दामाद निर्दोष है। वह क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल होने का इच्छुक नहीं था, लेकिन संदिग्धों ने उस पर यह कहकर दबाव डाला कि यह अमीर बनने का एक आसान तरीका है।’
पुलिस ने शुरू की कारवाई
फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं। इन तीनों की पहचान शिवू, गिरीश और वेंकटेश के रूप में की गई है। शिकायत के अनुसार, इन आरोपियों पर आईपीसी 306 के तहत 13 व्यक्तियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि दर्शन ने 12 से ज्यादा कर्जदाताओं से 84 लाख रुपये का कर्ज लिया था। हालांकि, क्रिकेट सट्टेबाजी में वह सब कुछ हार गया। जांच में पता चला कि उसने सट्टेबाजी के तहत लोगों को ब्लैंक चेक भी दिए थे।