झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत का मामला सामने आया है। मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को बुधवार सुबह एक ऑटो ने जोरदार टक्कर मार दी। पहले ये मामल हिंट एंड रन का लगा, लेकिन जैसे ही सीसीटीवी फुटेज केस पूरी तरह से पलट गया। CCTV फुटेज देखकर ऐसा ही लग रहा है कि ये हादसा नहीं है, बल्कि जानबूझकर ऑटो ने जज को टक्कर मारी।
टक्कर मारकर भाग गया ड्राइवर
फुटेज में ये साफ तौर पर देखने को मिल रहा है कि जज मॉर्निंग वॉक के लिए जा रहे थे। वो रणधीर वर्मा चौक से आगे खाली सड़क पर बाईं ओर जॉगिंग कर रहे थे। इस दौरान ही एक ऑटो ने पीछे से उन्हें जोरदार टक्कर मारी। जज सड़क के किनारे पर जाकर गिर गए। टक्कर मारकर ऑटो ड्राइवर उस रफ्तार से आगे बढ़ गया।
फुटेज में देखने को मिल रहा है कि पहले ऑटो बिल्कुल सीधी दिशा में चल रहा था। अचानक ही ड्राइवर ने ऑटो की लेन बदल ली और किनारे पर जॉगिंग कर रहे जज को टक्कर मारी।
चोरी का था ऑटो
वहीं केस में मिली ताजा अपेडट के मुताबिक पुलिस को जांच में ये भी बात पता चली कि जिस ऑटो से जज को टक्कर मारी गई थी, वो चोरी का था। रात में ही ऑटो चोरी किया गया और सुबह इस वारदात को अंजाम दिया गया। ये खुलासा होने के बाद मामले में हत्या का शक और गहरा गया है।
इस हाईप्रोफाइल केस से जुड़े थे जज
दरअसल, जज उत्तम आनंद एक हाई प्रोफाइल केस से जुड़े हुए थे। वो पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय हत्याकांड मामले में सुनवाई कर रहे थे। तीन दिन पहले ही जज ने शूटर रवि ठाकुर और आनंद वर्मा की जमानत खारिज कर दिया था। हत्या का मामला इससे भी जुड़ा हो सकता है, इसलिए पुलिस मामले की जांच गंभीरता से कर रही है।
…जब सुर्खियों में आया था जज लोया की मौत का मामला
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी जज की मौत को लेकर इतनी सुर्खियां बन रही हों, इतनी चर्चाएं हो रही हों। सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत एक वक्त में काफी चर्चाओं में रही थी।
सोहराबुद्दीन शेख के कथित मुठभेड़ के केस की जज बीएच लोया सुनवाई कर रहे थे कि उनकी मौत 1 दिसंबर 2014 को संदिग्ध हालात में नागपुर में हो गई। वो वहां एक शादी में शामिल होने गए पर उनकी मौत हो गई। जिसका कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया, लेकिन जज के मौत का मामला तब उलझ गया जब नवंबर 2017 में एक अंग्रेजी पत्रिका एक रिपोर्ट में पहली बार जज लोया की मौत के हालातों पर सवाल किए।
महाराष्ट्र के लातूर शहर के बार एसोसिएशन ने 27 नवंबर को लोया की मौत की जांच पर एक न्यायिक आयोग के गठन करने की मांग उठाई, जिससे कि सब कुछ साफ किया जा सके। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने 4 जनवरी 2018 को जज लोया की मौत के हालातों की जांच के लिए एक अर्जी मुंबई हाई कोर्ट में दी।
वैसे अगर जज लोया के बेटे अनुज लोया ने अपने पिता की मौत पर जो कहा है उस पर गौर करना चाहिए। दरअसल एक बार प्रेस कांफ्रेंस कर इस मुद्दे को बढ़ने को लेकर अनुज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि प्राकृतिक थी उनके पिता की मौत, इस मसले को वो बढ़ना नहीं चाहते हैं। हालांकि सवाल वहीं है कि आखिर जज के मौत के पीछे क्या कोई राज है, क्या किसी ने उनकी हत्या की थी। अब भी ये सवाल सवाल है।