पश्चिम बंगाल में साधुओं के साथ घटना हुई है और ये घटना तब हुई जब ये साधु गंगासागर मेले में शामिल होने जा रहे हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले में शामिल होने जा रहे 3 साधुओं को लोगों ने अपहरणकर्ता समझा और इसके बाद बेरहमी से इनकी पिटाई कर दी. वहीं अब इस घटन में राजनीतिक मोड़ ले लिया है.
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जानिए क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, ये घटना गुरुवार शाम की बताई जा रही है जब पुरुलिया ज़िले में गंगासागर जा रहे साधुओं किशोर लड़कियों से रास्ते के बारे में पूछा, जिसपर वो चिल्लाने लगीं, ये देखकर स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और मारपीट की साथ ही उनकी गाड़ी को भी तोड़ दिया गया. पुलिस ने किसी तरह उन साधुओं को भीड़ से बचाया और बाद में उन्हें गंगासागर मेले दूसरी गाड़ी की व्यवस्था करके भेजा गया.
#WestBengalNews : गंगासागर जा रहे यूपी के तीन साधुओं को भीड़ ने बीच सड़क पर जमकर पीटा, पुलिस ने बचाई जान. स्थानीय लोगों ने उन्हें अपहरण करने वाला समझ लिया था एक व्यक्ति और उसके दो बेटों ने मकर संक्रांति के त्योहार पर गंगासागर पहुंचने के लिए एक वाहन किराए पर लिया था. इस दौरान वह… pic.twitter.com/zidwyL3vAE
— Nedrick News (@nedricknews) January 13, 2024
वहीं साधुओं के साथ हुई इस मारपीट की घटना के बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कई सारे आरोप लगाए तो वहीं राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी बंगाल की सीएम पर निशाना साधा है. इस घटना को लेकर बीजेपी ने टीएमसी सरकार पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि क्या सिर्फ शाहजहां शेख को ही बंगाल में संरक्षण मिलेगा. जैसे लोगों को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं को पीटा जा रहा है. क्या पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है.
ममता बनर्जी को बताया मुमताज खान
इसी के साथ राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि वो ममता बनर्जी नहीं बल्कि मुमताज खान हैं. उनकी दृष्टि मुसलमानों की ओर है. जो भी घटनाएं होती हैं उनमें से अधिकतर वहीं पर होती है.
सत्येंद्र दास ने ये भी कहा, हिन्दू जब रामनवमी का जुलूस निकालते हैं तो उन पर आक्रमण होता है. जब दुर्गा माता का अनुष्ठान और पंडाल लगता है तो उसका विरोध होता है. इस प्रकार जितने भी धार्मिक कार्यक्रम होते हैं उस पर विरोध और आक्रमण होता है. ये सब वहां की बंगाल सरकार और इसलिए होता है क्योंकि इसके प्रतिकूल खुद वहां की मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण से हमारे रामनवमी हुआ, दुर्गा पूजा हुई, जो भी अनुष्ठान हैं वहां हिन्दुओं की ओर से सभी धार्मिक कार्यक्रमों को वो नकारती हैं.
वहीं उन्होंने कहा कि इसलिए आज पश्चिम बंगाल में साधु हैं और अगर भगवा रूप देख लिया है तब तो ममता बनर्जी को और भी क्रोध आता है. इसलिए वो उनपर आक्रमण कराती हैं, ये सब मुख्यमंत्री की देन हैं..ख़ुद ममता बनर्जी की देन हैं. जो इस सरकार में घटनाएं हो रही हैं वो बहुत दुखद हैं और घोर निंदनीय हैं.
पालघर में हुई थी साधुओं की हत्या
वहीँ अब लोग इस घटना को पालघर की घटना से जोड़ रहे हैं क्योंकि पर भी साधुओं के साथ मारपीट की ऐसी ही घटना यहाँ पर भी हुई थी. वहीं इस घटना में जूना अखाड़े के दो साधु महंत सुशील गिरी महाराज महंत चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे को लोगों में जान से मार दिया था. ये साधु लोग मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. तभी पालघर के एक गांव में गांव वालों ने इन्हें डकैत समझ कर पीटा और उनकी हत्या कर दी.