गाजियाबाद: क्राइम ब्रांच ने लग्जरी कारों की चोरी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश

गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच ने एक गिरोह को गिरफ्तार किया है जो लग्जरी कारों की चोरी करने का काम करते था. पुलिस ने इस गिरोह के चार चोरों को गिरफ्तार किया है साथ ही इस गिरोह के पास चार लग्जरी कारें बरामद हुई है. वहीँ इस गिरोह के दो सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई है.

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लग्जरी कारों की चोरी करता था ये गिरोह 

ये गिरोह गैराज खोलकर कारों की चोरी करते थे. पहले इस गिरोह के लोग गैराज पर डेंटिंग पेंटिंग साथ ही कार को ठीक करने का काम भी करते थे लेकिन इस काम में फायदा नही होने पर इन लोगों ने कार चोरी करना शुरू हुआ और अब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस्माइल निवासी कैलाभट्ठा, शहजाद निवासी बेगू, चित्तौड़गढ़, राजस्थान, मनोज निवासी नगला हाथरस व कन्हैया निवासी दाता कला, भीलवाड़ा, राजस्थान के रूप में हुई है. वहीँ इन आरोपियों पर यूपी के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कई प्रदेशों के थानों में वाहन चोरी के मुकदमे दर्ज हैं.

 पुलिस ने दी मामले की जानकारी 

वहीं इस मामले को लेकर कहा है कि एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि इस्माइल गिरोह का सरगना है. उसने पहले डेंटिंग पेंटिंग का अपना गैराज खोला था लेकिन वहां उसको ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था इसलिए उसने लग्जरी वाहनों को चोरी करने की योजना बनाई और इस्माइल ने ही लग्जरी वाहनों का लॉक तोड़ने का ट्रेनिंग दी.

ये लोग हाई सिक्योरिटी वाहनों का शीशा तोड़कर कार को केवल 15 मिनट में स्टार्ट कर देते थे. वहीं आरोपियों ने हाल ही में गांधीनगर दिल्ली से इनोवा चोरी की थी. दिल्ली के गुलमर्ग इलाके से ब्रेजा विटारा, ग्रेटर कैलाश से क्रेटा और दिल्ली के तिलकनगर से आई-20 कार चोरी की थी.

इस तरह चोरी की घटना को अंजाम देते थे आरोपी 

इन कारों की असली नंबर प्लेट उतारकर आरोपियों ने उनपर फर्जी नंबर प्लेट लगा दी थी. वहीँ आरोपियों के पास से लैपटॉप, चाभी, सेंसर मशीन, कई चिप आदि सामग्री भी बरामद हुई है. वहीं पूछताछ में आरोपियों के संपर्क में अलग-अलग राज्यों में कई वाहन विक्रेता भी थे, जो वाहनों को आसानी से बिकवाने में उनकी मदद करते थे. वहीँ आरोपी इस्माइल ने बताया कि वह 10 लाख से ज्यादा कीमत के वाहनों को निशाना बनाते थे, जिनके ग्राहक भी आसानी से मिल जाते थे. सभी आठ, नौवीं तक पढ़े-लिखे हैं लेकिन कंप्यूटर, चिप, सेंसर और वाहनों की तकनीक की उनको बारीकी से समझ हैं.

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