पेजर बम और वॉकी-टाकी बम तो हमने हाल ही में देखा और सुना लेकिन अब चॉकलेट बम का वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि रूस की आर्मी के सैनिकों ने यह वीडियो बनाया है. बताया गया कि कैसे दांत के नीचे दबाते ही चॉकलेट बम में धमाका कर किसी की भी जान ली जा सकती है.
क्या है पूरा मामला
इजराइल और फिलिस्तीनी के बीच काफी समय से युद्ध चल रहा है. इसकी शुरुआत तब हुई जब हमास के बंदूकधारियों ने गाजा से इजरायल पर हमला किया, जो इजरायल के इतिहास का सबसे घातक हमला था. इसके बाद इजरायली सैन्य अभियान शुरू हुआ, जिसमें फिलिस्तीनी क्षेत्र में अभी तक 40 हजारो से ज्यादा लोग मारे गए. वही, अब इजरायल-हमास युद्ध के बीच लेबनान की धरती पर पेजर और वॉकी-टॉकी धमाकों से बवाल मच गया है. ऐसे कई वीडियो सामने आए जिसमें इजरायल की शातिर साइबर यूनिट ने हिजबुल्लाह को सबक सिखाने के लिए कई हमलों को अंजाम दिया. लेबनान में इन धमाकों के बाद से ही दहशत का माहौल है. इस घटना के बाद दुनिया भर में नए-नए वीडियो सामने आ रहे हैं. कथित तौर पर रूस के एक सैनिका का वीडियो इस वक्त काफी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो चॉकलेट बम का डेमो देता दिख रहा है.
दरअसल, रूस इस वक़्त यूक्रेन से जंग में उलझा है. अपना एनर्जी लेवल बनाए रखने के लिए युद्ध के मैदान में सैनिक अक्सर चॉकलेट खाना पसंद करते हैं. इसी बीच रूस के सैनिकों ने सोशल मीडिया पर एक विडियो शेयर किया जिसमे दिख रहा है कि किस तरीके से एक चॉकलेट को चॉकलेट बम के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. चॉकलेट के बीच में छोटे आईईडी बम को रखकर उसे पैक किया जा सकता है और फिर जैसे ही उसे खाने वाला व्यक्ति जैस ही उसे खाने के लिए खोल कर अपने दांतों के बीच में दबाएगा तो प्रेशर पड़ने पर आईईडी सक्रिय होकर फट जाएगी और उसका मुंह उड़ जाएगा.
चॉकलेट के बीच IED का इस्तेमाल
छद्म युद्ध का नया रुप अब दुनिया को देखने को मिल रहा है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सामानों के माध्यम से भी दुश्मनों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ठीक उसी तरह से अब चॉकलेट के बीच IED का इस्तेमाल करके लोगों को मारने की साजिश भी रची जा रही है. जी हाँ, एक मामूली सी चॉकलेट जिसे सैनिक एनर्जी बार के रूप में खाते है.
अब उसी चॉकलेट पर मौजूद आईईडी में बारूद इतना है कि खाने वाले के मुंह को भारी नुकसान पहुंच जाए. फिलहाल अपने दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने के लिए दुनिया के देश एक से एक नई तरकीब खोज रहे हैं.