Gariaband Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों द्वारा किए गए एनकाउंटर में मारे गए एक करोड़ के इनामी नक्सली चलपति का शव रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के बाद सौंपा गया। गुरुवार को आंध्र प्रदेश से चलपति के ससुर लक्ष्मण राव शव लेने हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद, एनकाउंटर और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर कई चौंकाने वाले बयान दिए।
दामाद का शव लेने पहुंचे ससुर- Gariaband Encounter
लक्ष्मण राव ने मीडिया को बताया कि उन्हें अखबार के जरिए मुठभेड़ की जानकारी मिली। इसके बाद वे रायपुर पहुंचे और अपने दामाद चलपति के शव की पहचान की। हालांकि, उन्होंने अपनी बेटी का भी जिक्र किया, जो चलपति की पत्नी है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी भी नक्सली थी और उसका शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। उन्हें आशंका है कि उनकी बेटी जंगल में हो सकती है।
लक्ष्मण राव ने कहा, “अखबार में खबर पढ़कर मैं आंध्र प्रदेश से रायपुर आया। अधिकारियों ने दामाद का शव सौंपने की बात कही है, लेकिन मेरी बेटी का कुछ पता नहीं चला है। हो सकता है कि वह अभी जंगल में हो।”
क्या बोले चलपति के ससुर?
चलपति के ससुर ने अपनी बेटी और दामाद के नक्सली बनने को लेकर खुलासा किया। उन्होंने बताया कि चलपति और उनकी बेटी ने कभी परिवार के पास लौटने की कोशिश नहीं की। वह जंगलों में रहते थे और नक्सल गतिविधियों में सक्रिय थे।
लक्ष्मण राव ने कहा, “मेरी बेटी और दामाद नक्सली हैं। अखबार में लिखा था कि मेरी बेटी भी मारी गई है, लेकिन अधिकारियों ने शव नहीं दिखाया। मुझे डर है कि वह अभी जंगल में हो सकती है।”
एनकाउंटर पर लक्ष्मण राव की प्रतिक्रिया
गरियाबंद एनकाउंटर में 16 नक्सली मारे गए, जिनमें चलपति भी शामिल था। इस पर लक्ष्मण राव ने कहा, “स्टेट का राज यही है कि सवाल करने वालों को खत्म कर दो। राज्य सरकार का मकसद जंगलों से आदिवासियों को हटाना है और जमीनों को कॉर्पोरेट्स और अफसरों को सौंप देना है।”
लक्ष्मण ने एनकाउंटर को आदिवासियों और नक्सलियों के खिलाफ सरकार की रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने इसे राज्य की ताकत के जरिए दबाव बनाने की नीति करार दिया।
नक्सलवाद पर लक्ष्मण राव का नजरिया
नक्सलवाद खत्म करने को लेकर लक्ष्मण राव ने कहा कि केंद्र सरकार ने फरवरी 2026 तक माओवादियों को खत्म करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “नक्सली असली मुद्दों—बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार—के खिलाफ लड़ रहे हैं। लेकिन जो इन मुद्दों पर बोलते हैं, उन्हें खत्म कर दिया जाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी चलपति से कभी कोई बात नहीं हुई, लेकिन उन्हें लगता है कि नक्सली अपने मकसद पर सही रास्ते पर चल रहे थे। “वे अपने उद्देश्यों के लिए जान दे रहे हैं।”
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सख्ती
इस एनकाउंटर के बाद गरियाबंद और आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों की सर्चिंग अभियान तेज कर दी गई है। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई लंबे समय से जारी है। केंद्र और राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास लाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।