बैंक लुटेरा गिरोह के सरगना Gangster Ajay Rai का अंत: एसटीएफ की मुठभेड़ में ढेर, 16 वर्षों से था अपराध जगत का बड़ा नाम

Gangster Ajay Rai Who was Ajay Rai
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Gangster Ajay Rai: बैंक लूट की घटनाओं से बिहार को दहला देने वाला अजय राय आखिरकार एसटीएफ के हाथों मारा गया। जक्कनपुर के संजय नगर रोड नंबर 10 स्थित एक किराये के मकान में पुलिस और एसटीएफ के साथ मुठभेड़ के दौरान अजय का खात्मा हुआ। 16 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय यह सरगना पुलिस और एसटीएफ की नजरों से बचते हुए बार-बार अपने ठिकाने बदलता था।

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छिपने के लिए किराये के मकानों का सहारा- Gangster Ajay Rai

अजय राय अक्सर अपना ठिकाना बदलता था। जिस मकान में मुठभेड़ हुई, वहां वह जमीन पर गद्दा बिछाकर सोता था। उसके साथ उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी मो. साहिल और विकास सिंह भी रहते थे। गिरोह के इस ठिकाने के लिए अजय ने मकान मालिक को आकाश यादव के नाम से बना फर्जी आधार कार्ड दिया था। वहीं, साहिल ने भी अपना पहचान पत्र दिया था, जबकि विकास ने कोई दस्तावेज नहीं दिए।

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मुठभेड़ के दौरान दो गुर्गे फरार

मुठभेड़ (Ajay Rai Encounter) शुरू होते ही अजय के साथी विकास और मो. साहिल भागने में सफल रहे। अजय लगातार मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था और व्हाट्सएप कॉल्स के जरिए अपने करीबियों से संपर्क में था। गिरोह का अगला निशाना फुलवारीशरीफ स्थित एक ब्रांडेड ज्वेलरी शोरूम था, जिसकी रेकी अजय पहले ही कर चुका था।

लंबे समय से अपराध में सक्रिय था अजय राय

अजय राय ने 2008 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था (Who was Ajay Rai)। उसके नाम पर कई बड़े अपराध दर्ज हैं।

  • नवंबर 2023: गरखा थाना क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी से 10 लाख रुपये की लूट।
  • दिसंबर 2023: भोजपुर जिले के नवादा थाना क्षेत्र में एक्सिस बैंक से 19 लाख की लूट।
  • वर्ष 2021: हरियाणा के पलवल में एक्सिस बैंक से 95 लाख की लूट।
  • वर्ष 2017: सुपारी लेकर सारण जिले में वकील रमेंद्र शर्मा की हत्या।

बरामदगी में मिली भारी मात्रा में हथियार

मुठभेड़ स्थल से एसटीएफ ने भारी मात्रा में हथियार और दस्तावेज बरामद किए। इनमें एक 9 एमएम का लोडेड रेगुलर पिस्टल, एक 7.65 एमएम का लोडेड देसी पिस्टल, 9 एमएम और 7.65 एमएम के जिंदा कारतूस, खोखे, एक मोबाइल और दो फर्जी आधार कार्ड शामिल हैं।

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साधारण जीवनशैली और छिपने की चालाकी

अजय और उसके साथी किराये के मकान में खाना नहीं बनाते थे। वे बाहर होटल से खाना मंगवाते थे और रात के साढ़े आठ बजे तक अपने कमरे में लौट आते थे। अजय ने मकान मालकिन को यह बताया था कि वह पटना एम्स के पास बिजली के काम का ठेकेदार है।

सुबह से ही इलाके में मुठभेड़ की चर्चा

मुठभेड़ की खबर सुबह होते ही पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। घटना स्थल के पास लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।

सरगना के खात्मे से राहत की उम्मीद

अजय राय के मारे जाने से पुलिस को उम्मीद है कि बिहार में बैंक लूट की घटनाओं में कमी आएगी। गिरोह के अन्य सदस्यों पर पुलिस की नजर बनी हुई है। अजय का अंत अपराध जगत के एक बड़े अध्याय के समाप्त होने जैसा है।

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