नशा मुक्ति केंद्र…जहां लोग अपनी बुरी आदतों को छुड़वाने के लिए जाते हैं। वहीं पर अगर लोगों के साथ गलत काम किया जाए तो? दरअसल, उत्तराखंड के देहरादून के एक नशा मुक्ति केंद्र के काले कारनामों की पोल खुली है। यहां एक प्राइवेट रिहैबिलिटेशन सेंटर को ड्रग्स की लत छुड़वाने के लिए चलाया जा रहा है, लेकिन इसकी आड़ में युवतियों के साथ गलत कामों को भी अंजाम दिया जाता था।
भागकर आई लड़कियों ने किया भंड़ाफोड़
यहां ड्रग्स देकर युवतियों के साथ जबरदस्ती रेप किया जाता था और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट भी होती थी। दरअसल, हाल ही में कुछ लड़कियां बच बचाकर वहां से भाग निकलीं, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में केस दर्ज कराया। लड़कियों ने रिहैबलेशन सेंटर के डायरेक्टर और मैनेजर पर गंभीर आरोप लगाए है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने डायरेक्टर को अरेस्ट कर लिया, जबकि मैनेजर फिलहाल फरार चल रहा है।
बीते हफ्ते गुरुवार को लड़कियां यहां से भागने में कामयाब हो गई थीं। इनमें से एक युवती ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि वो 26 मई को रिहैबिलेशन सेंटर में आई थी। शुरू में तो यहां उसके साथ अच्छा व्यवहार किया गया। लेकिन इसके बाद सेंटर की काली करतूत सामने आने लगी।
दिए जाते थे ड्रग्स और फिर…
युवती ने आगे बताया कि एक दिन कुछ लड़कियां वॉशरूम में ड्रग्स ले रही थीं। पूछने पर मालूम हुआ कि मैनेजर के साथ यौन संबंध बनाने पर ड्रग्स मिल रहा था। वहां पर ड्रग्स देकर लड़कियों के साथ जबरदस्ती रेप किया जाता था। अगर वो इनकार करें तो डंडे से पिटाई की जाती थी। नुकीले कोने वाले स्टूल या फिर टूटी ईंट पर भी घंटों तक बैठने की सजा दी जाती थी।
रिहैबिलेशन सेंटर में नशा छुड़ाने का कोई इंतेजाम नहीं था। यहां पर ना तो कोई डॉक्टर था और ना ही काउंसर। उसका संचालक ही उनको यहां पर स्मैक देता था।
डायरेक्टर गिरफ्तार, मैनेजर फरार
क्लिमेंट टाउन पुलिस स्टेशन के एसएचओ के मुताबिक इस मामले में केस दर्ज कर डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मैनेजर फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। वहीं केंद्र में लगे CCTV कैमरे को भी कब्जे में लिया जा रहा है। SHO डी एस रौतेला ने कहा कि लड़कियों की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद रेप का चार्ज केस में जोड़ा जाएगा।
वहीं जब लड़कियां नशा मुक्ति केंद्र से भागी थीं, तो डायरेक्टर को तब ही पता चल गया कि उसकी मुश्किलें बढ़ सकती है। इसलिए उसने दो घंटों तक पुलिस को इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी और खुद ही लड़कियों को ढूंढने लगा।
नशा मुक्ति केंद्र के मैनेजर विद्या दत्त इससे पहले भी जेल जा चुका है। एक लड़की को अगवा करने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। कई महीनों तक जेल में बंद रहने के बाद उसको जमानत मिली थीं।