पंजाब के अमृतसर से एक बेहद चौंकाने वाली खबर आ रही है। यहां शनिवार सुबह एक एनआरआई को उसके घर में घुसकर गोली मार दी गई, जिसके बाद एनआरआई को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के सामने आने के बाद पंजाब में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले को लेकर अमृतसर के कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लों ने एक बयान जारी किया है जो काफी चौंकाने वाला है।
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ये है पूरा मामला
पुलिस का कहना है कि पीड़ित सुखचैन सिंह हाल ही में अमेरिका से लौटा था। वह अमृतसर के दबुर्जी गांव में अपने घर पर था, तभी दो हमलावर उसके घर में घुस आए और पहले उसकी कनपटी पर बंदूक रखकर उससे किसी बात पर बहस की और फिर उसे गोली मार दी। इस दौरान सुखचैन सिंह के घर में मौजूद बच्चों और महिलाओं ने हमलावरों को हाथ जोड़कर रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुखचैन सिंह को गोली मारने वाले दोनों आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। वे अभी फरार हैं।
शहर के बाहरी इलाके दबुर्जी गांव में शनिवार को सुबह की सैर पर निकले सुखचैन सिंह को हमलावरों ने रोक लिया। हमलावरों ने घर में घुसकर तीन गोलियां चलाईं। दो गोलियां एनआरआई सुखचैन सिंह को लगीं। एक सिर में और दूसरी छाती के पास। पुलिस के मुताबिक, सुखचैन सिंह की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस ने बताया किसने रची थी साजिश
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सुखचैन सिंह पर हमला उनकी पहली पत्नी के रिश्तेदारों के कहने पर किया गया था। उन्होंने दावा किया कि सुखचैन सिंह की पहली पत्नी ने दिसंबर 2022 में आत्महत्या कर ली थी और तब से ही परिवार के लोग उनसे रंजिश रखते हैं। पुलिस के मुताबिक, सुखचैन सिंह की हत्या के लिए दो आरोपियों सुखविंदर उर्फ सुखा और गुरकीरत सिंह उर्फ गुर्री को भर्ती किया गया था। ढिल्लों ने बताया कि हमलावरों की तलाश की जा रही है।
घटना की जांच कर रहे कमिश्नर ढिल्लों ने बताया कि दोनों परिवार अमेरिका में रहते हैं और उन्होंने इस काम के लिए भारतीय शूटरों को काम पर रखा था। बंदूकधारियों को पकड़ने के लिए अब बहुत कम समय बचा है। इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
हिरासत में लिए गए लोगों में सुखचैन सिंह की पहली पत्नी के पिता और होशियारपुर के बैंस गांव के निवासी सरवन सिंह के साथ-साथ तरनतारन के जगजीत सिंह और चमकौर सिंह शामिल हैं, जिन्होंने घटना से पहले हमलावरों की मदद की थी। होटल के मालिक दिगंबर अत्री और होटल मैनेजर अभिलाष भास्कर ने हमलावरों को बिना पहचान पत्र मांगे ही ठहराया था।