कोलकाता मामले में भ्रष्टाचार की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जानकारी के मुताबिक आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (RG Kar former principal Sandeep Ghosh) कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि बहुत बड़े करोड़पति हैं। ईडी ने जब संदीप घोष की संपत्ति की जांच की तो अधिकारियों को उनके घर से कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले, जिससे पता चलता है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। ईडी के मुताबिक कोलकाता के पॉश इलाकों में उनके पास एक-दो नहीं बल्कि 3 आलीशान फ्लैट हैं। मुर्शिदाबाद में उनके नाम पर एक फ्लैट है। इतना ही नहीं संदीप घोष की पत्नी के पास पश्चिम बंगाल सरकार की इजाजत के बिना दो अचल संपत्तियां हैं।
एजेंसी ने सीबीआई, एसीबी, कोलकाता द्वारा भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत घोष और अन्य संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी।
सरकार की इजाजत के बिना खरीदीं दो संपत्तियां
ED को तलाशी के दौरान पता चल की डॉ. संगीता घोष ने राज्य सरकार की मंजूरी के बिना दो संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी अधिकारियों ने संदीप घोष और उनकी पत्नी संगीता घोष के घरों और बैंक खातों की जानकारी मांगी है। पूछताछ में कई घरों के ठिकानों का पता चला है। इस संदर्भ में संगीता घोष ने ईडी अधिकारियों को सारी जानकारी मुहैया कराई है। इसके अलावा, संदीप घोष के बैंक खाते से किए गए लेन-देन से संबंधित सभी दस्तावेज सीबीआई कार्यालय को मिल गए हैं। सूत्रों के अनुसार, संगीता घोष को भी अगले कुछ दिनों में ईडी पूछताछ के लिए बुला सकता है।
जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे
जांच एजेंसी का दावा है कि डॉ. संदीप घोष की पत्नी उसी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं, जब उन्हें आरजी कर कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था। उनके घर पर हाल ही में की गई छापेमारी के दौरान करोड़ों की संपत्ति के सबूत मिले थे। ईडी ने आरोप लगाया कि 2021 में संगीता घोष को उनके पति संदीप घोष द्वारा संपत्ति खरीदने की कार्योत्तर मंजूरी दी गई थी। उसके बाद से उन्होंने कई संपत्तियां खरीदी हैं।
ED ने दिया बयान
ईडी ने कहा, “तलाशी के दौरान डॉ. संदीप घोष से जुड़े कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए। संपत्तियों से जुड़े ये दस्तावेज प्रथम दृष्टया संदेह के आधार पर जब्त किए गए कि ये संपत्तियां अपराध की आय से खरीदी गई थीं।”
बिना मंजूरी के लोगों की हुई भर्ती
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष के बेलेघाटा घर की सीबीआई द्वारा पहले ही तलाशी ली जा चुकी है। जांच निकाय को संदीप के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा, सीबीआई के अनुसार, 2022-2023 में 84 एमबीबीएस होम स्टाफ सदस्यों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया था। भर्ती समिति की सहमति के बिना, लोगों को काम पर रखा गया था। तीन अनधिकृत कंपनियों ने संदीप घोष से टेंडर प्राप्त किए। उन्होंने बदले में एक बड़ा कमीशन स्वीकार किया। इन आरोपों के कारण संदीप घोष को हिरासत में लिया गया।
कोर्ट ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा
बता दें, संदीप घोष उसी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे, जहां पिछले महीने एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। 9 तारीख को अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से ही संदीप घोष शक के घेरे में हैं। दूसरी ओर, कोलकाता की एक अदालत ने मंगलवार को सीबीआई मामले में पूर्व प्रिंसिपल घोष को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अदालत ने उनके सुरक्षाकर्मियों और सहकर्मियों को भी 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।