भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध किस हद तक बढ़ गए हैं, इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। देश में हर दिन 85 बलात्कार के मामले सामने आते हैं। हाल ही में पीटीआई ने अपनी खबर का हवाला देते हुए देशभर में बलात्कार के मामलों की एक रिपोर्ट जारी की, जो वाकई बेहद दुखद और चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले सामने आए। वहीं, पिछले 2 महीने में देश में 149 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। और अगर अपराधियों को सजा देने की बात करें तो भारत में बलात्कार के 10 में से 7 मामलों में कोई भी जेल नहीं जाता है। लेकिन हाल ही में नई दिल्ली की एक अदालत ने दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के 53 वर्षीय पूर्व कर्मचारी को एक दिव्यांग महिला से बलात्कार के आरोप में पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस कर्मचारी पर अक्टूबर 2021 में दिव्यांग महिला से बलात्कार करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आंचल ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 सी के तहत दोषी ठहराया है।
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एक्स-रे के दौरान हुई शर्मनाक घटना
अभियोजन पक्ष ने कहा कि महिला अपना विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने अस्पताल गई थी। उसका एक्स-रे लेते समय आरोपी ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में अपनी उंगली डाल दी, जिससे वह घायल हो गई। 6 सितंबर को अपने फैसले में अदालत ने कहा, “यह स्थापित कानून है कि सजा के संबंध में कोई निश्चित फॉर्मूला संभव नहीं है, लेकिन सजा का उद्देश्य यह देखना होना चाहिए कि अपराधी को सजा मिले और अपराध के पीड़ित के साथ-साथ समाज को भी यह संतुष्टि हो कि सजा में न्याय हुआ है।”
निजता का उल्लंघन करते हुए अपराध
अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि दोषी मानसिक तनाव या सदमे की स्थिति में था या उसने मजबूरी में अपराध किया, बल्कि दोषी ने पीड़िता की निजता का हनन करके अपराध किया, जो शारीरिक रूप से अक्षम थी। अदालत ने कहा, “आज की तारीख में दोषी की उम्र करीब 53 साल है। वह पहले ही अस्पताल से अपनी नौकरी खो चुका है।”
एक साल हिरासत में रहा था आरोपी
अदालत के अनुसार, आरोपी को मुकदमे के दौरान एक साल से ज़्यादा समय तक हिरासत में रखा गया था, उसके खिलाफ़ कभी कोई नकारात्मक मामला दर्ज नहीं किया गया था, और ज़मानत मिलने के बाद से वह नियमित रूप से अदालत में पेश हो रहा था। अदालत ने दोषी पक्ष को पाँच साल की सख़्त जेल की सज़ा और 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।