Danielle McLaughlin Rape Case: आखिरकार 8 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद आयरिश मूल की टूरिस्ट डैनिएल मैकलॉक्लिन को इंसाफ मिल गया। गोवा की मडगांव प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने 2017 में हुए इस दर्दनाक मामले में विकट भगत नामक आरोपी को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कैसे हुआ था यह अपराध? (Danielle McLaughlin Rape Case)
25 वर्षीय डैनिएल मैकलॉक्लिन मूल रूप से आयरलैंड की रहने वाली थी, लेकिन उसके पास ब्रिटेन और आयरलैंड दोनों देशों की नागरिकता थी। वह अपनी एक दोस्त के साथ फरवरी 2017 में गोवा घूमने आई थी। 13 मार्च की शाम को वह पालोलिम बीच के पास एक गांव में होली पार्टी सेलिब्रेट करने गई थी। लेकिन देर रात जब वह अकेले अपने होटल की ओर लौट रही थी, तब यह घटना हुई।
Justice at last for Danielle McLaughlin!
We are all thinking of Danielle’s mother Andrea and her family today, who have finally witnessed justice in an Indian court after 8 long years of campaigning ❤️🙏🏻 pic.twitter.com/ygopt3VMr3
— Pádraig Mac Lochlainn TD (@PadraigMacL) February 14, 2025
14 मार्च 2017 की सुबह कानाकोना के देवबाग बीच के पास उसकी निर्वस्त्र लाश मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि उसकी मौत गले में दबाव और ब्रेन हैमरेज के कारण हुई थी।
आरोपी विकट भगत का आपराधिक इतिहास
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि डैनिएल की भारत आने के बाद विकट भगत नाम के शख्स से दोस्ती हो गई थी। कई जगहों पर दोनों को साथ घूमते हुए देखा गया था। हालांकि, पुलिस के अनुसार विकट भगत एक कुख्यात अपराधी था, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। डैनिएल को शायद इस बारे में जानकारी नहीं थी और यही उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि विकट भगत ने सुनसान इलाके में मौका देखकर पहले डैनिएल के साथ दुष्कर्म किया और फिर पकड़े जाने के डर से पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी।
8 साल बाद आया फैसला
डैनिएल मैकलॉक्लिन के परिवार और दोस्तों के लिए यह 8 साल का लंबा और कठिन सफर रहा। उनके लिए यह लड़ाई सिर्फ न्याय की नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का एक अहम मुद्दा थी।
मडगांव प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस जघन्य अपराध में विकट भगत को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह अपराध न केवल वीभत्स था, बल्कि इससे समाज में भय का माहौल भी बना। इसलिए अपराधी को कोई रियायत नहीं दी जा सकती।
इस फैसले का प्रभाव
यह फैसला भारत में विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है। इस मामले ने एक बार फिर से देश में महिला सुरक्षा की स्थिति को उजागर किया है। हालांकि, इस कठोर सजा से एक संदेश जरूर जाएगा कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध करने वालों को कानून से कोई राहत नहीं मिलेगी।
डैनिएल मैकलॉक्लिन के परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया और उम्मीद की कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी। भारत में न्याय प्रक्रिया की धीमी गति के बावजूद यह फैसला दर्शाता है कि न्याय देर से सही, लेकिन मिलता जरूर है।