दलितों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले तीन सालों में करीब डेढ़ लाख मामले दर्ज किए गए। 2018 से 2020 के बीच दलितों के खिलाफ अपराध के 1,38,045 मामले दर्ज किए गए। और दुख की बात ये है कि आज भी ये मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि दलितों के खिलाफ कानूनी तौर पर आपराधिक मामले दर्ज नहीं हो रहे, मामले दर्ज हो रहे हैं और कुछ मामलों में दलितों को न्याय भी मिला है लेकिन फिर भी दलितों के खिलाफ अपराधों की संख्या कम होती नहीं दिख रही है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल ही दलितों के खिलाफ अपराध के 50,291 मामले सामने आए। पिछले तीन सालों में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा मामले बिहार में दर्ज किए गए हैं। और अब भी बिहार का हाल कुछ सुधरा नहीं है। हाल ही में गया जिले में एक दलित युवक पर जानलेवा हमला कर कुल्हाड़ी से हाथ काटने का मामला सामने आया है। मामला टिकारी थाना क्षेत्र का है. पीड़ित की पत्नी ने मामले को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस घटना की जानकारी 17 जून को सोशल मीडिया पर साझा की गई। आइये आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं।
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क्या था मामला ?
जानकारी के अनुसार दलित युवक संजय मांझी की पत्नी अपने घर में पानी घुसने से रोकने के लिए घर के सामने मिट्टी डालने लगी। इसका शिवेंद्र मिश्रा, दामोदर, रवि मिश्रा, आनंद भारद्वाज समेत आठ लोगों ने विरोध किया। सभी ने दलित महिला के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। दलित महिला ने विरोध किया तो गलत नीयत से उसे पकड़ लिया और मारपीट करने लगे। इसके बाद महिला के पति संजय मांझी ने जब विरोध किया तो अपराधियों ने कुल्हाड़ी से हमला कर उसके हाथ को काट दिया। खबरों की मानें तो जमीन विवाद में दबंगों ने संजय मांझी का हाथ धारदार हथियार से काट दिया। इसके बाद से संजय का एएनएमएमसीएच में इलाज चल रहा है। फिलहाल संजय की हालत स्थिर बताई जा रही है।
दिल थाम कर बैठिए अगर इनका पूर्ण राज आ गया तो क्या होगा ?
दिल दहला देने वाली घटना।गया, बिहार में SC युवक संजय मांझी ने अपने घर में पानी घुसने से रोकने का प्रयास की तो जातिवादी गुंडों ने लाठी एवं गड़ासे से हमला कर उनका हाथ काट डाला।
शिवेंद्र मिश्रा, दामोदर , रवि मिश्रा, आनंद… pic.twitter.com/KeXrOFo8kl
— Uma Shankar Patel (@OBCUMASHANKAR) June 17, 2024
अपराधी हुए गिरफ्तारी
इस मामले पर संगयन लेते हुए पुलिस ने जानकारी दी कि घटना 5 जून की है और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पुलिस के मुताबिक इस घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज होने के एक घंटे के अंदर सभी अपराधियों को कांड सं0-241/24, दिनांक-05. 06.2024, धारा 147/148/149/341/323/324/325/ 326/307/354/506 भा०द०वि० एवं 27 आर्म्स एक्ट तथा 3 (i)(r)(s)(w)3(ii)(v-a)SC/ST Act में दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस के मुताबिक फिलहाल सभी अपराधी सलाखों के पीछे हैं।
पीड़ितों से मिले केंद्रीय मंत्री
घटना की जानकारी सामने आने के बाद भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को शहर के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती टिकारी के चिरौली गांव के संजय मांझी से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल में इलाज करा रहे संजय से बात कर घटना की विस्तृत जानकारी ली और वहां तैनात पुलिस पदाधिकारियों को इस दिशा में यथाशीघ्र उचित कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। श्री मांझी ने कहा कि सभ्य समाज के लिए ऐसी घटना स्वीकार्य नहीं की जा सकती। गरीब महादलित परिवारों के साथ इस तरह का तरीका अशोभनीय है। ऐसी मानसिकता वाले लोगों को कानून को सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को राज्य सरकार से तत्काल मुआवजा देने की भी मांग की। मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोमित कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता ई. नंदलाल मांझी, गया जिला अध्यक्ष नारायण प्रसाद मांझी, युवा जिला अध्यक्ष आयुष कुमार, नीरू कुमार, अनिल यादव, मुकेश चौधरी, बुलबुल शर्मा, सागर कुमार मांझी, कंचन कुमार, अरुण कुमार आदि मौजूद थे।
ये तो हुई राजनीति की बात लेकिन यहां मुद्दा ये है कि आखिर कब तक दलितों को बाबा साहब के देश में जाति के नाम पर दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों को सहना पड़ेगा। हालांकि ये अच्छी बात है कि कुछ राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराध सामने आ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सभी को न्याय मिल रहा है। दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराध ये दिखाते हैं कि दलितों में कानून की समझ बढ़ रही है। लेकिन दुख की बात ये है कि ऐसे मामलों में न्याय तभी मिल पाता है जब मामला सोशल मीडिया पर छा जाता है।