Chief Justice Sunita Agarwal: शादी, बाजार और पार्कों में मोबाइल चोरी होना आम बात है, लेकिन कभी-कभी वीआईपी लोग भी इस तरह की घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया, जब गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल के दो आईफोन चोरी हो गए। यह घटना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मसूरी रोड स्थित एक विवाह समारोह के दौरान घटी।
कैसे हुई चोरी? (Chief Justice Sunita Agarwal)
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल 26 जनवरी को विवाह समारोह में भाग लेने के लिए फूटहिल गार्डन, न्यू मसूरी रोड, मालसी, देहरादून पहुंची थीं। शाम 4:45 बजे से 5:15 बजे के बीच विवाह स्थल पर उनके दो आईफोन चोरी हो गए। इनमें एक फोन उनके निजी नाम पर था और दूसरा फोन रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के जरिए खरीदा गया था।
पुलिस की कार्रवाई
राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट ने जानकारी दी कि गुजरात हाईकोर्ट अहमदाबाद के रजिस्ट्रार जनरल मूलचंद त्यागी ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन शुरुआती जांच में मोबाइल चोरी का कोई सुराग नहीं मिला।
अब पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और सर्विलांस के जरिए मोबाइल चुराने वालों की तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार, यह मामला संवेदनशील होने के कारण तेजी से जांच की जा रही है और जल्द ही अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।
कौन हैं सुनीता अग्रवाल?
सुनीता अग्रवाल ने अवध यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। नवंबर, 2011 में उन्हें एडीशनल जज बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने अगस्त, 2013 में स्थायी जज के तौर पर शपथ ली थी। सुनीता अग्रवाल के पास हाईकोर्ट में बतौर न्यायाधीश के रूप में 11 वर्ष से अधिक का अनुभव है।
चीफ जस्टिस की हाल की सुर्खियां
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल हाल ही में तब सुर्खियों में आई थीं जब कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी एक वकील से तीखी नोकझोंक हो गई थी। वकील बृजेश त्रिवेदी ने कोर्ट में उनके व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा था कि, “यह बार-बार उल्टा हो रहा है। अदालत के सभी वरिष्ठ वकील इसे सहन करने के लिए बहुत दयालु हैं।” जब मामला बढ़ा तो त्रिवेदी ने उन पर बहुत बोलने वाली जज होने का आरोप लगाया। इस विवाद के बाद चीफ जस्टिस ने कोर्ट छोड़ने का फैसला लिया।
मोबाइल चोरी की यह घटना भले ही आम हो, लेकिन जब किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति के साथ ऐसा होता है, तो सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो जाते हैं। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, इस घटना के बाद वीआईपी सुरक्षा और मोबाइल चोरी की बढ़ती घटनाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं।