कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। ममता सरकार और सीबीआई ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में मामले की प्रगति पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई शुरू किया। कोर्ट रूम के अंदर दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले दर्जनों वकील मौजूद थे। हालांकि, वे भी सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को न तो देख पाए और न ही पढ़ पाए। हालांकि, आज हम आपको सीबीआई द्वारा दस दिन की जांच के दौरान मिले सुरागों के बारे में बताएंगे।
CBI के हाथ लगे अहम सुराग
सीबीआई सूत्रों के अनुसार मृतक डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था। सीबीआई को मिली फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता और आरोपी यानी संजय रॉय का डीएनए प्रोफाइल मैच हो गया। इतना ही नहीं फॉरेंसिक जांच में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स में संजय रॉय के अलावा किसी और का डीएनए प्रोफाइल नहीं मिला। इसका मतलब है कि पीड़िता के साथ रेप हुआ था। गैंगरेप नहीं हुआ था। यानी की गिरफ्तार व्यक्ति संजय रॉय ही इस घटना में शामिल है।
घटना के बाद संजय रॉय का कबूलनामा
सीबीआई सूत्रों का दावा है कि 9 अगस्त को संजय रॉय ने कोलकाता पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद 14 अगस्त को जब उसे सीबीआई ने हिरासत में लिया तो उसने न सिर्फ अपना अपराध स्वीकार किया बल्कि उस रात और अगली सुबह क्या हुआ, इसका पूरा ब्यौरा भी बताया। हालांकि, आरोपी के कबूलनामे के बावजूद सीबीआई और कोलकाता पुलिस ने पहले पुख्ता सबूतों की तलाश की। फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस तलाश का अंत कर दिया।
संदीप घोष होगा गिरफ्तार!
पिछले पांच दिनों से सीबीआई लगातार आरजी के जरिए अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ घटना के बाद हुई लापरवाही की सभी कड़ियों को जोड़ने के लिए की जा रही है। और अगर सीबीआई सूत्रों की मानें तो अगर इस बात के सबूत मिलते हैं कि 9 अगस्त की सुबह से लेकर रात तक अस्पताल परिसर के अंदर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है तो सीबीआई इस आरोप में प्रिंसिपल घोष को गिरफ्तार भी कर सकती है।
आरोपी संजय का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई को संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी मिल गई है। लेकिन वकील की कमी के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। अब संजय रॉय को पॉलीग्राफ टेस्ट के बारे में सूचित करने और उनकी सहमति लेने के लिए एक कानूनी सहायता वकील नियुक्त किया गया है। संजय रॉय की सहमति मिलने के बाद सीबीआई टेस्ट की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है।