गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में रहने वाले राकेश वार्ष्णेय की उसके दोस्तों ने ही संपत्ति के लालच में हत्या कर दी थी और शव को गाजियाबाद की नहर में फेंक दिया था। तीन महीने से लापता चल रहे प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय के मामले में स्वाट टीम ने उसके साथी राजू समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। राजू ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर मुरादाबाद में 20 करोड़ की संपत्ति हड़पने के लिए राकेश की हत्या की थी। 28 फरवरी की रात सभी ने दिलशाद गार्डन स्थित ऑफिस में बैठकर शराब पी थी। राकेश के नशे में होने पर आरोपियों ने उसकी शराब में नीला बिट्टा मिलाकर और एनेस्थेसिया के छह इंजेक्शन देकर उसकी हत्या कर दी थी। चारों ने शव को क्रेटा कार से गंग नहर में फेंक दिया था। हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी राजू भी मृतक की पत्नी के साथ मिलकर केस की पैरवी करता था।
गौरतलब है कि शालीमार गार्डन में रहने वाले राकेश वार्ष्णेय की पत्नी पिछले तीन महीने से अपने पति की तलाश में दिन-रात लगी हुई हैं। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। लापता व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी न होने से पुलिस भी हैरान थी। पुलिस ने सभी बिंदुओं पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए लापता व्यक्ति की हत्या कर शव को गाजियाबाद नहर में फेंकने वाले संदिग्ध को आखिरकार पकड़ लिया। पुलिस तलाश कर रही थी। निगरानी के आधार पर पुलिस ने साक्ष्य जुटाए। मुरादाबाद में 20 करोड़ की संपत्ति है। उसके लालच में बिजनेस पार्टनर राजू उपाध्याय ने पहले राकेश को अपने घर दिल्ली बुलाया, इसके बाद शराब पिलाई इसके बाद एनेस्थीसिया के पांच इंजेक्शन लगा दिया।
मारने से पहले दोस्त ने रची साजिस
पूरे मामले का खुलासा करते हुए डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि राजू और राकेश ने नवंबर में मुरादाबाद में 20 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी। राजू ने इस प्रॉपर्टी की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम करवा ली थी। प्रॉपर्टी हड़पने की नीयत से राजू ने अपने पार्टनर को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। राजू ने राकेश को दिल्ली स्थित अपने घर बुलाया और उसे खूब शराब पिलाई। इसके बाद इंजेक्शन का ओवरडोज देने से उसकी मौत हो गई। दिल्ली में उसकी हत्या कर दी गई और शव को मुरादनगर की नहर में फेंक दिया गया। इस हत्या की प्लानिंग में राजू ने अपने साथियों को भी शामिल किया था। उन्हें लगा कि अगर उनका दोस्त लापता हो गया तो यह प्रॉपर्टी उन सबकी हो जाएगी। उनमें से एक को लालच दिया गया कि हम तुम्हें नई एंबुलेंस दिलवा देंगे क्योंकि वह एंबुलेंस ड्राइवर है और उसकी एंबुलेंस में शव ले जाकर फेंक दिया गया।
वहीं, अन्य दो आरोपी इस घटना के मुख्य मास्टरमाइंड थे। अब गाजियाबाद पुलिस ने चार आरोपियों राजू उपाध्याय, अनुज गर्ग, कृष्ण अग्रवाल, हरीश कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें अब जेल भेजा जा रहा है। पुलिस ने इनके पास से हत्या में इस्तेमाल की गई सामग्री भी बरामद कर ली है।
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