हरियाणा के यमुना नगर में अवैध तरीके से चल रहे दवा के काले कारोबारी का बुधवार को भंडाफोड़ हुआ। इन काले कारोबारियों की जहां एक और खूब काली कमाई हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे में DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने इन पर शिकंजा कसने की जिम्मेदारी उठाई। जिसके बाद उन्हें बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
दरअसल, राजस्व निदेशालय को खुफिया सूत्रों से फैक्ट्री में अवैध दवाई के कारोबार चलने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद बुधवार को DRI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा के यमुना नगर के रादौर के सढूरा और बापौली गांव के बीच स्थित मुरलीधर इंडस्ट्रीज में चल रहे अवैध दवा के इस गुप्त कारखाने का भंडाफोड़ किया है।
DRI ने करोड़ों के ड्रग्स किए जब्त
असल में बीते कई दिनों देश में दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण में शामिल ड्रग सिंडिकेट (Drug Syndicate) पर DRI यानी की राजस्व खुफिया निदेशालय की कार्रवाई जारी है। निदेशालय ने अवैध दवा की फैक्ट्री पर छापेमारी कर कच्चा माल जब्त किया है। रेड में जब्त माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में 133 करोड़ रुपये कीमत बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक राजस्व निदेशालय ने इस पूरे ऑपरेशन में 245 करोड़ रुपये के ड्रग्स की बरामदगी की है।
भारी मात्रा में कच्चा माल बरामद
राजस्व निदेशालय ने अपनी गोपनीय बड़ी कार्रवाई में अवैध दवा फैक्ट्री से करीब 5200 किलोमग्राम से ज्यादा का भारी मात्रा में कच्चा माल बरामद किया है। जबकि इससे अलग ऑपरेशन में 661 किलो तैयार एफेड्रिन की बरामदी की गई है।
पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक, फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान रासायनिक दवाओं के उत्पाद के लिए इस्तेमाल किए जा रहे सेंट्रीफ्यूज और ग्लास लाइन रिएक्टर जैसे उपकरण भी यहां से कब्जे में लिए गए। राजस्व निदेशायल की टीम ने इस मामले में एक फाइनेंस समेत तीन लोगों को धर दबोचा है। पुलिस मामले में गहराई से छानबीन कर जांच में जुटी है।
गुप्त तरीके से हुई कार्रवाई
बता दें कि पुलिस ने गुप्त तरीके से मुरलीधर फैक्ट्री पर छापेमारी की। गोपनीय तरीके से छापा मारने के चलते ही इसकी भनक स्थानीय पुलिस-प्रशासन को भी नहीं लगी। रेड के दौरान पुलिस की टीम ने फैक्टरी से कई सबूत जुटाए, जिसके बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया।