दक्षिणी दिल्ली में बड़े किडनी रैकेट (Big Kidney Racket) के भांडा फोड़ से दहशत मच गई है। दिल्ली हौजखास थाना पुलिस ने इस मामले में 2 डॉक्टर समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया है। बता दें , सभी आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने गोरखधंधे को चला रहे थे। दिल्ली का किडनी रैकेट (Delhi Kidney Racket) गरीब लोगों को निशाना बनाकर उनकी किडनियां अमीरों को बेच देते थे। किडनी के यह बड़ा रैकेट में शामिल लोग 3 लाख में किडनियों को खरीदते थे और उन किडनियों को 30 लाख की बड़ी कीमत पर बेच देते थे। इन्होनें किडनी डोनर्स के नाम से अलग-अलग पेज बनाए हुए थे। आरोपी गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनको चंद रुपये का लालच देकर उनकी किडनी निकाल कर बेच रहे थे। आरोपी अभी तक करीब 20 लोगों की किडनी निकाल चुके हैं।
दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त बेनीटा मेरी जैकर ने बताया कि हौजखास थाना को 26 मई को सूचना मिली थी, कि हौजखास इलाके में किडनी रैकेट चल रहा है। ये गिरोह जरूरतमंद व गरीब लोगों को अपना निशाना बनाते हैं और चंद रुपये का लालच देकर उनकी किडनी बेच देते हैं। इसके बाद उसे जरूरत मंद को महंगों दामों पर बेच देते हैं। पुलिस द्वारा किए गए आरोपियों की पहचान सरबजीत जायसवाल, मुख्य आरोपी शैलेष पटेल, मो. लतिफ, बिकास उर्फ विकास, रणजीत गुप्ता, कुलदीप राय विश्वकर्मा उर्फ केडी ओमप्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी के रूप में हुई हैं, जबकि पकड़े गए दो डॉक्टरों में से सोनू रोहिल्ला दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा है और सौरभ मित्तल की अभी MBBS की पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।
गरीब लोगों को करते थे टारगेट
दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह भी सामने आया कि डॉक्टर ने मुख्य रूप से गरीब लोगों को निशाना बनाते थे और अधिक पैसे देकर उन्हें बहकाया। उन्होंने अपने ग्राहकों की तलाश के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। पुलिस इस मामले में और गिरफ्तारियां कर सकती है। बता दें कि यह लोग फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर अपने बारे में तरह तरह की चीजें प्रचारित करते हैं, जिसको देखकर लोग इनके झूठे दावों में फंस जाएं। एक बार कॉल या इन्क्वायरी आती है तो फिर तरह तरह के लालच और प्रलोभन देकर उन्हें जाल में फंसाया जाता है इसके बाद उन्हें बेवकूफ बना कर ठगने की प्रकिया शुरू हो जाती है। पैसे के लेनदेन के बाद बातचीत बंद कर दी जाती है या फिर धमकी देकर चुप रहने की हिदायत दी जाती है।
गोहाना में था किडनी ट्रांसप्लांट का अस्पताल
सूत्रों की मानें तो इस गैंग ने किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए सोनीपत के गोहाना में एक अस्पताल बना रखा था। वहीं पर गुपचुप तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट की जाती थी। माना जा रहा है कि इस गिरोह का शिकार देशभर में काफी लोग हो चुके थे। मामले को लेकर हौजखास थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच आरंभ की और आरोपियों को 1-1 कर गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ कर रही है और पूरे नेटवर्क पर से पर्दा उठाने में जुटी है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस काफी सुराग एकत्र कर लिए हैं। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने पर इस बारे में जानकारी शेयर की जाएगी।
कुलदीप विश्वकर्मा है, रैकेट का मास्टरमाइंड
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि किडनी रैकेट मामले का मास्टरमाइंड कुलदीप राय विश्वकर्मा है। वह व उसके कई साथी दिल्ली के नामी अस्पताल में नौकरी करते हैं। कुलदीप ने ही किडनी निकालने के लिए पूरा सैटअप तैयार करवाया। इसके कहने पर ही गोहाना में सोनू रोहिल्ला के अस्पताल का चयन किया गया। कुलदीप ही इस पूरे रैकेट के हर सदस्य उसके काम के अनुसार पैसा दे रहा था। आरोपी ने खुलासा किया है कि पिछले छह सात महीनों में ये लोग 20 लोगों की किडनी निकाल चुके हैं। ज्यादातर ये लोग 20 से 30 वर्ष के युवाओं की किडनी ही निकालते थे।
पेट दर्द के इलाज के नाम पर झांसा देते थे
जांच में पुलिस को एक पिंटू कुमार यादव शख्स ने बताया कि उसे सरबजीत और विपिन नाम के शख्स पेट में दर्द के ट्रीटमेंट के नाम पर एक लैब में गए थे, लेकिन जैसे ही उसको यह आभास हुआ कि वहां उसे किडनी डोनेशन के नाम पर ले गए हैं तो उनसे उसका झगड़ा हो गया और वो वहां से भाग गया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने 26 मई को Transplantation of Human Organ के तहत FIR दर्ज की। पिंटू की निशानदेही पर पुलिस टीम सरबजीत जेलवाल और रघु शर्मा तक पहुंची। जब इन दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि रघु शर्मा की किडनी पहले ही सरबजीत और उसके गैंग के साथियों ने ले रखी है। रघु शर्मा की निशानदेही पर ए ब्लॉक, डीडीए फ्लैट, पश्चिम विहार से 4 लोगों को पकड़ा गया, जिनके नाम दिवाकर सरकार, अश्वनी पांडे रिजवान और एक शख्स को पाया गया।
दिल्ली के अलावा और भी राज्यों में रैकेट था
पुलिस ने सोनीपत जाकर इस ओटी का भंडाफोड़ किया। यहां से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। साथ ही चार लोगों को बचाया भी गया। जिनकी किडनी निकालने के लिए यहां लाया जा चुका था। इस मामले में अभी और भी राज्यों के नाम सामने आ रहे हैं। जिन लोगों की किडनी निकाली गई। वह नॉर्थ-ईस्ट राज्यों, साउथ इंडिया, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से संबंध रखते हैं। पुलिस को ऐसे पीड़ित भी मिल गए हैं। जिनकी किडनी निकाली जानी थी या निकाल ली गई थी।