अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, इस बार ये मामला अंकिता के गांव के निवासी पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी से जुड़ा है। पत्रकार आशुतोष लंबे समय से न्यूज पोर्टल ‘जागो उत्तराखंड’ पर अंकिता भंडारी हत्याकांड का मुद्दा सरकार के सामने लगातार और जोरदार तरीके से उठा रहे थे। हालांकि, अब पीड़िता अंकिता का परिवार इस गिरफ्तारी को लेकर श्रीनगर में धरना देकर विरोध कर रहा है और पुलिस से मांग कर रहा है कि आशुतोष को जमानत दी जाए। साथ ही परिजनों का कहना है कि आशुतोष पर लगाए गए आरोप फर्जी हैं, पुलिस अंकिता के मामले को दबाने के लिए ये षड्यंत्र रच रही है।
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किस मामले के तहत हुई गिरफ्तारी?
उतराखंड पुलिस के अनुसार, आशुतोष नेगी को अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के खिलाफ जाति-आधारित अपशब्दों का इस्तेमाल करने और उसे हत्या की धमकी देने के आरोप में मंगलवार, 5 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि नेगी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं शामिल हैं। इसी के साथ पत्रकार पर पुलिस से अभद्रता करने और सरकारी काम में बाधा डालने का एक और मामला दर्ज कर लिया गया।
राजनीतिक दलों का मिल रहा सपोर्ट
इस मामले का लाभ उठाते हुए विपक्ष भी बीजेपी पर निशाना साध रहा है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा- “पत्रकार आशुतोष नेगी का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो #justiceForAnkitaBhandari के लिए लगातार भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे थे… आखिर कौन था वो वीवीआईपी जिसको बचाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी मशीनरी झोंक रखी है?”
पत्रकार आशुतोष नेगी का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो #justiceForAnkitaBhandari के लिए लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे..
आखिर कौन था वो VVIP जिसको बचाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी मशीनरी झोंक रखी है? pic.twitter.com/k0XbGn18XB
— Srinivas BV (@srinivasiyc) March 6, 2024
कांग्रेस नेता के अलावा आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर लिखा- “उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के विरोध में परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की तो पुलिस ने उल्टा इस हत्या को रिपोर्ट करने वाले पत्रकार को ही गिरफ्तार कर लिया! अपराधियों को गिरफ़्तार करने की बजाय, व्हिसलब्लोअर को गिरफ़्तार करने से क़ानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी?”
उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के विरोध में परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की तो पुलिस ने उल्टा इस हत्या को रिपोर्ट करने वाले पत्रकार को ही गिरफ्तार कर लिया!
अपराधियों को गिरफ़्तार करने की बजाय, व्हिसलब्लोअर को गिरफ़्तार करने से क़ानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी?…
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) March 7, 2024
क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड?
बता दें, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र और चिल्ला के बीच स्थित वंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थीं। उनकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि उन्होंने रिसॉर्ट में आने वाले वीआईपी मेहमानों को स्पेशल सर्विस (यौन संबंध) देने से इनकार कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, 19 साल की अंकिता की हत्या रिसॉर्ट संचालक, बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और एक अन्य कर्मचारी अंकित ने मिलकर की थी। फिलहाल मामले की जांच चल रही है लेकिन अभी तक इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है। न्याय की आस में परिवार लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहा है लेकिन अभी तक इस मामले में तेजी देखने को नहीं मिली है।
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