मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के चर्चित पिता-पुत्र डबल हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। वारदात को अंजाम देने वाली नाबालिग बेटी को पुलिस ने हत्याकांड के 75 दिन बाद हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन नाबालिग लड़की के साथ इस पूरी वारदात को अंजाम देने वाला दूसरा आरोपी मुकुल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिग लड़की का प्रेमी मुकुल सिंह पुलिस को चकमा देकर हरिद्वार से भागने में कामयाब हो गया है।
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस ने मुकुल सिंह पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नाबालिग लड़की की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि दोहरे हत्याकांड के आरोपी मुकुल सिंह और मृतक की नाबालिग बेटी के हरिद्वार में होने की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस ने दबिश दी। इस दौरान आरोपी मुकुल नाबालिग को छोड़कर भाग गया। उसकी तलाश की जा रही है। मृतक की नाबालिग बेटी को हिरासत में लेने के लिए जबलपुर पुलिस हरिद्वार रवाना हो गई है।
स्थानीय लोगों ने दी थी पुलिस को सूचना
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया था और वांछित पोस्टर छपवाकर कई राज्यों में भेजे गए थे। पोस्टर देखकर हरिद्वार के एक नागरिक ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। उस आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपी मुकुल भाग निकला, लेकिन पुलिस ने नाबालिग लड़की को हिरासत में ले लिया, उसे वापस लेने के लिए जबलपुर पुलिस की एक टीम भेजी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
15 मार्च 2024 को जबलपुर के सिविल लाइन स्थित रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी में पिता राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के बेटे तनिष्क की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अपराध के बाद, मुख्य अपराधी, मुकुल और उसकी नाबालिग प्रेमिका ने रेलवे प्रधान लिपिक राजकुमार विश्वकर्मा के शव को पन्नी में लपेटकर रसोईघर में फेंक दिया। वहीं, उनके बेटे तनिष्क के शव को पन्नी में लपेटकर फ्रिज के अंदर रख दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर सीसीटीवी टेप की जांच की तो पास में ही रहने वाले रेलवे विभाग के सेफ्टी ओएस राजपाल सिंह का बेटा मुकुल सिंह दोपहर करीब 12:23 बजे अपने स्कूटर से कॉलोनी से बाहर निकलता दिखाई दिया। वहीं, मृतक की छोटी बेटी पैदल ही उसके पीछे चली गई। कॉलोनी से बाहर निकलते देखा गया। इसके बाद, उन्हें पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज में एक साथ देखा गया।
उसकी तलाश में पुलिस की टीमें पुणे, मुंबई, कर्नाटक, यूपी, बिहार, बंगाल और नेपाल भेजी गईं, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। मुख्य आरोपी मुकुल सिंह की लोकेशन जहां भी मिलती, वह पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही अपनी लोकेशन बदल देता।
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