मध्य प्रदेश के देवास में 5 लोगों के कंकाल मिलने का मामला सामने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस को 8 से 10 फीट गहरे गड्ढे में नरकंकाल मिले, जो एक आदिवासी परिवार के 5 लोगों के हैं। ये सभी बीते करीब 48 दिनों से गायब थे, जिनके लाशें मंगलवार को मेला रोड स्थित सुरेंद्र ठाकुर के खेत से मिलीं। शवों की हालत ऐसी थीं, जिसे देखते ही पुलिस भी हैरान रह गई और वहां से दूर भागने लगीं।
13 मई को लापता हुए थे ये लोग
मामला देवास जिले के नेमावर का है। 13 मई को एक आदिवासी परिवार के 5 सदस्य अचानक लापता हो गए थे। 17 मई को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट एक थाने में दर्ज कराई गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस उनकी तलाश में जुटीं। मामले की जांच बारीकी से की गई।
पुलिस ने की जांच तो…
इस दौरान पुलिस ने शक की बुनियाद पर गांव के दबंग हुकुम सिंह चौहान के खेत में काम करने वाले एक व्यक्ति से पूछताछ की, तो कुछ जानकारी हाथ लगी। इसके बाद पुलिस उसको थाने ले आई और कड़ाई से मामले में पूछताछ की। इसके आधार पर ही हुकुम सिंह के पोते सुरेंद्र सिंह और उसके छोटे भाई को भी गिरफ्तार किया गया। तब जाकर इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझ पाई। इन दोनों ने पुलिस के सामने पूरा सच उगल दिया और बताया कि इन्होंने ही पांचों की हत्याकर शवों को खेत में दफना दिया। जिसके बाद पुलिस खेत में जेसीबी लेकर पहुंची और दफनाए हुए सभी शवों को बाहर निकाला।
मारकर गहरे गड्ढे में दफनाया
पुलिस की जांच में खुलाया हुआ कि इन दोनों भाइयों ने मिलकर आदिवासी परिवार के पांचों सदस्यों को पहले रस्सी से सभी का गला दबाया और फिर रॉड से सिर पर वार किए। इसके बाद उनके शवों को गड्ढा खोदकर दफना दिया। यही नहीं लाशों को गलाने के लिए इन्होंने उनके कपड़े हटाएं और यूरिया और नमक का भी इस्तेमाल किया। शवों के पास से नमक के खाली पैकेट्स भी बरामद हुए है।
क्यों की गई इन पांचों की हत्या?
इस वजह का भी खुलासा हो गया है। दरअसल, मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा था। इस परिवार की एक लड़की, जिसका नाम रूपाली था, वो मुख्य आरोपी सुरेंद्र से प्यार करती थीं। दोनों का अफेयर चल रहा था। रूपाली सुरेंद्र पर शादी का दबाव बना रही थीं। जिसके चलते ही उसने अपने भाई के साथ मिलकर रूपाली और उसके परिवार के दूसरे सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया।
सुरेंद्र इतना चालाक था कि वो हत्याकांड को अंजाम देने के बाद रूपाली के फोन को खुद ही इस्तेमाल करता था। वो ये दिखाने की कोशिश कर रहा था सभी जिंदा है। रोजाना वो रूपाली के नंबर से सोशल मीडिया पर स्टेटस और मैसेज डालता था। इसमें वो लिखता था कि हम सभी सुरक्षित हैं, किसी को कोई दिक्कत नहीं, हमारे लिए परेशान ना हो। ऐसा करते हुए वो रूपाली की पुरानी फोटो का इस्तेमाल किया करता था। यहीं से पुलिस की शक की सूझ उस पर घूमी थीं।